'मैं घासलेटी मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता, जी धन्यवाद!'
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उन्होंने फोन किया और तय किया की जेएनयू प्रकरण पर रजीबा की राय पूछी जाए। इस लड़के का माथा न घूमा और न सीधा हुआ; बस उसने तपाक से कह दिया-'मैं घासलेटी मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता, जी धन्यवाद!'
पता नहीं रजीबा को इतना गुमान और गुरूर क्यों है, वही जानें। पर इतना तय है कि यह उसकी अपनी मौलिक पहचान है जिसे कोई नहीं छीन सकता।
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