Thursday, March 22, 2018
Subscribe to:
Posts (Atom)
हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!
--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...
-
--- (चालाकीपूर्वक वही ख़बरें प्रसारित की जाती है जो तत्कालिन सरकारों को सूट करती है।) पत्रकारिता में शब्दों और वाक्यों का भर्ता बना पेश ...
-
--- सिंधिया पद के मामले में बिल्कुल पैदल नहीं रहे। उन्हें कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में शामिल रखा। राहुल गांधी के सलाह-मशविरे मे...
-
तोड़ती पत्थर ------------- वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर- वह तोड़ती पत्थर कोई न छायादार पेड़ वह जिसके तल...