Monday, October 30, 2017

आवाज़ आक्रामक, असंयत और नाटकीय होने से बचाएँ मि. प्राइममीनिस्टर!


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राजीव रंजन प्रसाद
राजनीतिक मनोभाषाविश्लेषक

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'यदि कोई मजबूत जिगर का आदमी तैश में बोले। बेतुके तरीके से अपनी बात रखे। एक ही व्यक्ति के पीछे पिल जाए। समझिए, वह बुरी तरह तनावग्रस्त है और उसका मिशन फेल हो गया है।’
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'आपने विकास किया होगा, तो आप ही जीतेंगे। भारतीय जनता कृतघ्न नहीं है।'
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‘झूठ की उम्र लम्बी नहीं होती मि. प्राइममीनिस्टर!’
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‘जनता चैलेंज पेश करती है। वह पार्टी कार्यकर्ताओं की चियर्स-ग्रुप नहीं है
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‘नीति आयोग अपने को प्रूफ करे। योजना आयोग की तुलना में वह अपने काम को ज़मीन पर पुख़्ता आधार देने में किस तरह और कितना सफल रही है, सार्वजनिक परिचर्चा और जनजागरूकता कार्यक्रम द्वारा साबित करे।’
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‘यह निर्णय लेने का समय है। युवा देश से पहले अपने भविष्य को टटोलें। सुरक्षित राह लें। उसी सरकार को चुनें जो नौकरी के वादे नहीं नौकरी दे रही है।'
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 मोदी सरकार बच सकती है; बशर्ते वह पूरी तत्परता और जवाबदेही के साथ स्वीकृत खाली सरकारी पदों को शीघ्रताशीघ्र भरे।' 
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'राहुल गाँधी में नया कुछ भी नहीं है। उससे बेहतर चेहरा सचिन पायलट हैं। राहुल गाँधी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनें और युवा नेतृत्व सचिन को सौंपे' 
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