Tuesday, September 11, 2012

घोषणा


----------------

चिनगारियाँ फूटीं
लगी आग
धुँआ, गुब्बार, लावा, मलवा
कोहराम, क्रन्दन, त्राहिमाम्
जल्द ही सब थिर, सब शान्त

सहस्राब्दियों बाद
मंगल से पृथ्वी पर आया है अन्तरिक्ष यान
जीवन की तलाश में
शोध, अनुसन्धान, अन्वेषण के क्रम में
नमूने लेगा वह 

निष्कर्षतः घोषणा होगी मंगल पर
पृथ्वी पर थी
भरी-पूरी जिन्दगी किसी समय
जो काल का ग्रास बना
अपने ही हथियारों से
विस्फोटक साज-सामानों से
एटम बम और अणु बमों से

सही है, माथा गर्म होने पर
दिमाग फटता है
और, पृथ्वी के गर्म होने पर
फटता  है, बम....व्योम में।  

No comments:

हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...