Wednesday, April 22, 2015

नौकरी की जगी आस, बढ़ा दुआओं का सिलसिला

लिखित परीक्षा और कंप्यूटर-टंकण में उत्तीर्ण, साक्षात्कार का सफलतापूर्वक सामना किया राजीव रंजन प्रसाद ने।


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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...