Thursday, April 18, 2013

रजीबा ने पौने चार लाख का सलाना पैकेज ठुकराया


...............................................................

जनसंचार और पत्रकारिता विषय में NET/JRF क्वालिफाई रजीबा जो इस घड़ी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता पाठ्यक्रम में शोधरत है; ने एक निजी हिन्दी मीडिया संस्थान में सहायक प्राध्यापक पद के लिए दिए जा रहे पौने चार लाख सलाना पैकेज की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि-‘मैं वैसे लोगों के साथ कतई काम नहीं कर सकता जिन्हें आईपीएल के खिलाड़ियों तक का मोल-भाव लिस्ट नहीं मालूम है। ऐसे खिलाड़ियों की जानदार रिर्पोटिंग का गुर विद्यार्थी जिस गुरु से सीखेंगे; उसकी सैलरी न्यूनतम कितनी होनी चाहिए? इसकी तमीज तो आपके जैसे मीडिया संस्थान को अवश्य पता होना चाहिए।’’

No comments:

हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...