Monday, April 22, 2013

नीम का दतवन


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(देव-दीप के लिए......,)

डाॅक्टर, वैद्य, नीम-हकीम
सबको पसन्द दतवन नीम।

दाँत की रोशनी, हो डीम
सब सुझाए दतवन नीम।

दाँत-कीटाणु, करे तमाम
ऐसा पीड़ाहारी दतवन नीम।

स्वाद में तिकछ, थोड़ा तितापन
तब भी फलदायक दतवन नीम।

नहीं पसन्द था कभी मुझको
डंठल-बंठल दतवन नीम।

दाँत दिखाता जब कोई झकझक
याद है आता दतवन नीम।ं

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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...