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(देव-दीप के लिए......,)
डाॅक्टर, वैद्य, नीम-हकीम
सबको पसन्द दतवन नीम।
दाँत की रोशनी, हो डीम
सब सुझाए दतवन नीम।
दाँत-कीटाणु, करे तमाम
ऐसा पीड़ाहारी दतवन नीम।
स्वाद में तिकछ, थोड़ा तितापन
तब भी फलदायक दतवन नीम।
नहीं पसन्द था कभी मुझको
डंठल-बंठल दतवन नीम।
दाँत दिखाता जब कोई झकझक
याद है आता दतवन नीम।ं
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