Sunday, June 19, 2016

भारत में भ्रष्टाचार है क्योंकि लिखा-पढ़ी का सारा काम अंग्रेजी में होता है यानी अधिसंख्य जनता को न समझ में आने वाली भाषा में

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मैंने बस यह कहा
और मुझे उन्होंने खूब मारा
मैंने वजह पूछा?
और उन्होंने मुझे फिर मारा
मैं वजह जानने खातिर
बार-बार पूछता रहा
और वे मुझे लगातार मारते रहे

एक क्षण
मैं खामोंश
मेरी ज़बान जिबह हो गई

अफसोस! कि इस पूरे वाकये का
किसी पर कोई असर नहीं पड़ा
दुनिया अपनी रौ में बजती रहे
अविराम, अविचल, अखटक....

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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...