---------------
मैंने बस यह कहा
और मुझे उन्होंने खूब मारा
मैंने वजह पूछा?
और उन्होंने मुझे फिर मारा
मैं वजह जानने खातिर
बार-बार पूछता रहा
और वे मुझे लगातार मारते रहे
एक क्षण
मैं खामोंश
मेरी ज़बान जिबह हो गई
अफसोस! कि इस पूरे वाकये का
किसी पर कोई असर नहीं पड़ा
दुनिया अपनी रौ में बजती रहे
अविराम, अविचल, अखटक....
मैंने बस यह कहा
और मुझे उन्होंने खूब मारा
मैंने वजह पूछा?
और उन्होंने मुझे फिर मारा
मैं वजह जानने खातिर
बार-बार पूछता रहा
और वे मुझे लगातार मारते रहे
एक क्षण
मैं खामोंश
मेरी ज़बान जिबह हो गई
अफसोस! कि इस पूरे वाकये का
किसी पर कोई असर नहीं पड़ा
दुनिया अपनी रौ में बजती रहे
अविराम, अविचल, अखटक....
No comments:
Post a Comment