Wednesday, July 9, 2014

भारतीय राजनीति में स्त्रियों को ‘इंट्री’, तवज्ज़ो नहीं

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Report : Rajeev Ranjan Prasad

कम असरदार लोग राजनीतिक-दौड़ में बुरी तरह पिछड़ जाते हैं। वे आँकड़ों की निगाहबानी में नहीं आ पाते हैं क्योंकि उन्हें कुतों/बिल्लों को ढंग(?) से पालना-पुचाकारना और  उन्हें अपने आगोश में भरना नहीं आता है। भारत जहाँ पैदाइश से ही मर्दवादी सोच हावी है; की राजनीति में स्त्रियों की सहभागिता, नेतृत्व और हासिल मुकाम देखें, तो वह पुरुषों के बनिस्पत सर्वथा नीचे की कोटि में दर्ज है। ‘हाथ कंगन को आरसी क्या’ वाली तर्ज पर कहें, तो इंडिया टुडे ने अप्रैल 2011 में भारतीय जनगणना के समानान्तर आला भारतीयों हस्तियों की सूची प्रकाशित की थी जिसमें वैभवशाली/गुणशाली औरतों का नाम टाॅप-40 में अनुपस्थित था। अगले 10 हस्तियों में जो चार नाम शामिल थंे: चंदा डी. कोचर, परमेश्वर गोदरेज, सायना नेहवाल, कैटरीना कैफ।.....

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--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...