भारत में शैक्षिक अनुसंधान के क्षेत्र में होने वाले शोध-कार्य ख़स्ताहाल है। वे शोध-गुणवत्ता के उस मानक को नहीं पूरा करते हैं जिससे यह साबित हो सके कि शोध के क्षेत्र में कृत उक्त कार्य का स्तर विस्वस्तरीय है। किसी ज़माने में वस्तुपरक रिपोर्टिंग की मानक संस्था रही बीबीसी ने यह पड़ताल अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘बीबीसी इंडिया बोल’ में इस सवाल के साथ किया कि ‘क्या भारत में स्तरहीन शोध होता है?’, तो आमोंख़ास सभी के चेहरे पर हैरत और अविश्वास की लकीर खींच गई। बीबीसी ने अपना यह कार्यक्रम मीडिया में लंबे बोल बोलने के आदी भारतीय कबीना मंत्री जयराम रमेश के उस वक्तव्य को आधार बनाकर प्रायोजित किया था जिसमें उनका मानना था कि भारत में आईआईटी एवं आईआईएम जैसे संस्थान तो विश्वस्तरीय हैं; लेकिन वहाँ हो रहे शोध-कार्य अन्तरराष्ट्रीय स्तर के नहीं हैं।
बीबीसी हिन्दी पर ‘इंडिया बोल’ कार्यक्रम प्रसारित हुआ। विषय था-‘क्या भारतीय विश्वविद्यालयों में स्तरहीन शोध होता है?’। एक अनुसंधित्सु होने के नाते मेरा फ़र्ज है कि मैं अपना पक्ष रखूं और आपसे यह अपेक्षा करूँ कि मेरी बात सुनी जाए....
(यह आलेख आप पढ़ सकेंगे जल्द ही ब्लॉग ‘इस बार’ में-राजीव रंजन प्रसाद)
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