Friday, June 3, 2011

आइए चलें राम-लीला मैदान



भारत में भ्रष्टाचार मुक्त आयोजन और कार्यक्रम कैसे किए जा सकते हैं? प्रबंधन कैसे सक्षम-नेतृत्व में अपनी सफल भूमिका निभा सकता है? इस धारणा को अमली जामा पहनाने के ख्याल से ही बाबा रामदेव देश की राजधानी में यह व्यापक अभियान छेड़ रहे हैं। पूरे देश के लोग जो भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे इस अभियान में शामिल हैं; उनका अमंगल और अनिष्ट कभी नहीं होगा बशर्ते वे दुरंगी शक्ल वाले न हों। आमीन!

1) दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अष्टांग योग और सत्याग्रह के लिए ढाई लाख वर्ग फुट का विशालकाय पण्डाल बनाया जा रहा है।

2) 5000 पंखों और कुलर की व्यवस्था होगी।

3) 1300 अस्थाई शौचालय तथा बाथरूम बनाये जा रहे हैं।

4) विराट और भव्य मंच के अलावा विशाल स्क्रीन, पुलीस नियंत्रण कक्ष, मीडिया कक्ष की पूरी व्यवस्था होगी।

5) खोया-पाया विभाग भी बनाया जा रहा है।

6) 650 नल लगाए गए हैं।

7) आयोजन स्थल पर 30-40 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

8) 50-60 डॉक्टर आपात-चिकित्सा के लिए मौजूद रहेंगे।

शून्य भ्रष्टाचार पर ऐसे इंतजमात उसी भारत में जहाँ कहा जाता है-‘100 में 1 शायद ईमानदार, फिर भी मेरा देश महान’।


ऐसे महान लोग क्यों श्रेष्ठ हैं, खुद जानिए:

-जो लोग इस अभियान में शामिल हो रहे हैं वे भ्रष्ट नहीं हैं; इसीलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ छिड़ी इस जंग में वे स्वतःस्फुर्त बाबा रामदेव के साथ हैं।

-जीवन में निस्वार्थ एवं परोपकारी जीवन जीने का संकल्प ले चुके ये उदात्त चित्त वाले सज्जन लोग दहेज की पूरजोर मुखालफत करते हैं। खासकर पुत्रों वाले पिताओं ने बाबा रामदेव के समक्ष कसम खाई है कि वे अपने बेटे की शादी बिना किसी दहेज या कि परोक्ष डिमाण्ड के करेंगे।

-इस घड़ी वे चाहे जिस भी पद या सेवा मंे हैं; अपनी संपति का सहर्ष घोषणा करने के लिए तैयार है।

- जिन्हें इस अभियान में शामिल लोगों के चरित्र पर शक है या फिर यह अंदेशा है कि ये महज तमाशाई लोग हैं; वे कभी किसी मौके या मोड़ पर उनसे सम्बंधित कोई भी यथोचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

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