Tuesday, June 7, 2011







(बाल साहित्यकार वैद्यनाथ झा द्वारा लिखित बाल कहानी-संग्रह ‘छतरी में छेद’ की समीक्षा जल्द ही ब्लॉग ‘इस बार’ में प्रकाश्य-राजीव रंजन प्रसाद)

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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...