Sunday, March 8, 2015

कुछ लोग थे पेशे में जिन्हें देख पत्रकार होना चाहा मैं....!

पत्रकार विनोद मेहता का निधन
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तुम्हारे जाने के बाद भी हम लड़ेगे, साथी। दीया और तुफ़ान की जंग यह जारी रखेंगे, साथी...!!!  
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आपकी स्मृति के बिंब 

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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...