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आपदा पर गीत लिखा
गाने लगी मुर्गियाँ
आपदा पर लोरी लिखा
सुनाने लगी गाय अपने बच्चे को
आपदा पर कविता लिखी
कुतों ने ठोंक दिया ताल
आपदा पर कहानी लिखी
बकरियाँ भरने लगी हुंकारी
आपदा पर लिखता रहा कुछ न कुछ
सभी जानवर मनाते रहे उत्सव रोज-रोज
लोग कह रहे हैं
ये सभी आपदा में मृत उन जानवरों की आत्माएँ हैं....
जिन्होंने अभी तक आपदा-प्रबंधन करना नहीं सीखा था।
आपदा पर गीत लिखा
गाने लगी मुर्गियाँ
आपदा पर लोरी लिखा
सुनाने लगी गाय अपने बच्चे को
आपदा पर कविता लिखी
कुतों ने ठोंक दिया ताल
आपदा पर कहानी लिखी
बकरियाँ भरने लगी हुंकारी
आपदा पर लिखता रहा कुछ न कुछ
सभी जानवर मनाते रहे उत्सव रोज-रोज
लोग कह रहे हैं
ये सभी आपदा में मृत उन जानवरों की आत्माएँ हैं....
जिन्होंने अभी तक आपदा-प्रबंधन करना नहीं सीखा था।
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