Saturday, April 12, 2014

दो दिन पहले: 10 अप्रैल 2014

किया मतदान 'इस बार' पहली बार
रघुवीर सहाय  के शब्दों में:
....फिर जीवन शुरू हुआ.

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हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...