किया मतदान 'इस बार' पहली बार
रघुवीर सहाय के शब्दों में:
....फिर जीवन शुरू हुआ.
रघुवीर सहाय के शब्दों में:
....फिर जीवन शुरू हुआ.
--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...
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