दैवीय-सत्ता के अमानुष और बर्बर
होने
की
प्रतीकात्मक नाट्य
का
पुर्नपाठ
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समकाल के बरास्ते एक मनोवैज्ञनिक: मनोभाषिक पड़ताल
राजीव रंजन प्रसाद
राजीव रंजन प्रसाद
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it's personal write up
--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...
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