यह पहली बार है कि आप अपनी बात सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा सकते हैं। यह डिजिटल इंडिया का कमाल है। कुछ लोगों ने मुझे कहा कि आप अपनी समस्या गाने की जगह इसे सीधे प्रधानमंत्री से कहिए और अपना काम कीजिए। मुझे लगा, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। अपने शोध-कार्य के दरम्यान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने मेरा आनुषंगिक बिल एकतरफा मनमर्जी का कानून मुझ पर थोपते हुए, मेरे बिल को खद्यारिज कर दिया। मैंने कहा कि जब तक मुझे मेरा आनुषंगिक बिल नहीं मिल जाता है, मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। दरअसल, लोगों ने सिखाया है, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं!
16 मई, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री को पुनःअनुरोध पत्र भेज रहा हूं।
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पिछले दिनों आपको लिखा, तो आपने 06 फरवरी, 2015 को मेरी शिकायत को अपने संज्ञान में लेते हुए पंजीकृत किया है और उच्च् शिक्षा मंत्रालय को अग्रसारित किया है। लेकिन अभी तक इस सम्बन्ध में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। उसका विवरण निम्न हैः
Dated: 06/02/2015
Your Grievance has been lodged vide Registration number PMO/W/NA/14/0107777
and has been forwarded to the DEPARTMENT OF HIGHER EDUCATION, M/O HUMAN RESOURCE DEVELOPMENT
आपने अन्याय का सदैव प्रतिकार करना सिखाया है। साथ दें, तो आगे बढ़ें।
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भवदीय
राजीव रंजन प्रसाद
शोध-छात्र
हिन्दी विभाग
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
वाराणसी-221005
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