Thursday, January 22, 2015

जन-प्रतिनिधि

--------------------
 मैं ही गांधी, मैं ही भगत...और मैं ही सुभाष चन्द्र बोस
---------

जो भूखा है
जो नंगा है
जो गरीब है
जो जरूरतमंद है

वह कहां जन-प्रतिनिधि है?

अतः मतदान से पहले
अपने नाम का परचे भरो
चुनाव लड़ो

देशवासियों, मुल्क आजाद है
अपने किस्मत का मालिक खुद बनो!!!

No comments:

हँसों, हँसो, जल्दी हँसो!

--- (मैं एक लिक्खाड़ आदमी हूँ, मेरी बात में आने से पहले अपनी विवेक-बुद्धि का प्रयोग अवश्य कर लें!-राजीव) एक अध्यापक हूँ। श्रम शब्द पर वि...