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राजीव रंजन प्रसाद
मीडिया शोधार्थी, हिंदीविभाग
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
वाराणसी
उस दिन तारीख थी-26 मई, 2014, नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने वाले थे। यह खबर बहुत बड़ी थी। मीडिया के भाव (कीमत) उस रोज बढ़े हुए थे। अतः इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने संयुक्त अभियान चलाते हुए ‘गोरखधाम एक्सप्रेस’ के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर को नजरअंदाज कर दिया। सूचनापट्टी पर एकाध लाइन आई भी, तो महज सांकेतिक। लेकिन, पाठकबहुल पत्रिकाओं को क्या हुआ? ये पत्रिकाएं तो पाठकों द्वारा खूब पढ़ी और सराही जाती हैं। पाठक-वर्ग का उन पर अगाध विश्वास भी कायम है।......
उस दिन तारीख थी-26 मई, 2014, नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री पद का शपथ लेने वाले थे। यह खबर बहुत बड़ी थी। मीडिया के भाव (कीमत) उस रोज बढ़े हुए थे। अतः इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने संयुक्त अभियान चलाते हुए ‘गोरखधाम एक्सप्रेस’ के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर को नजरअंदाज कर दिया। सूचनापट्टी पर एकाध लाइन आई भी, तो महज सांकेतिक। लेकिन, पाठकबहुल पत्रिकाओं को क्या हुआ? ये पत्रिकाएं तो पाठकों द्वारा खूब पढ़ी और सराही जाती हैं। पाठक-वर्ग का उन पर अगाध विश्वास भी कायम है।......
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