Wednesday, June 4, 2014

कुल टिटिमा एक अदद नौकरी के वास्ते

सिक्किम विश्वविद्यालय
विज्ञापन सं.:SU/NT/ADVT/2013-14/512, dated 7th June, 2013.
पद नाम: सहायक प्राध्यापक
विषय: जनसंचार एवं पत्रकारिता   
श्रेणी: अत्यन्त पिछड़ी जाति


दिनांक: 13 फरवरी, 2014

सम्बन्धित को सम्बोधित
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महोदय/महोदया,

मैं, राजीव रंजन प्रसाद, वर्ष 2010 में ‘जनसंचार एवं पत्रकारिता’ विषय के अन्तर्गत राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा कनिष्ठ शोध अध्येयता(NET/JRF) उपाधि के साथ उत्तीर्ण कर चुका हँू। इससे पूर्व मैंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ही प्रयोजनमूलक हिन्दी(पत्रकारिता) विषय से परास्नातक उत्तीर्ण किया है। अपनी कक्षा में सर्वोच्च प्राप्तांक(लगभग 70 प्रतिशत) प्राप्तकर्ता होने के कारण मुझे विश्वविद्यालय ने ‘स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया है। इस समय मैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में ‘संचार और मनोभाषिकी’(युवा राजनीतिज्ञ संचारकों के विशेष सन्दर्भ में) शोध-शीर्षक से अपना अन्तर-अनुशासनिक शोधकार्य कर रहा हूँ। यह ध्यानाकर्षण-पत्र सिक्किम केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञापन संख्या:SU/NT/ADVT/2013-14/512 दिनांक 7 जून, 2013  के अन्तर्गत सहायक प्राध्यापक पद हेतु मिले साक्षात्कार-पत्र के सन्दर्भ में संकेतित है।

साक्षात्कार-पत्र में निर्देशित सूचना के अनुसार मुझे दिनांक 24 फरवरी, 2014 को अपराह्न 1 बजे; कचंनजंघा मैनेजमेंट ब्लाॅक; सिक्किम विश्वविद्यालय में उपस्थित होना है। मैं इस सन्दर्भ में अपनी ओर से यह कहना चाहता हूँ कि मेरी अभिरुचि एवं सक्रियता अन्तर-आनुशासनिक अनुसन्धान एवं अकादमिक गतिविधियों में पूर्णकालिक है। इसके अतिरिक्त मैं विशेषतः समसामयिक घटनाओं, मुद्दों, समस्याओं इत्यादि के वस्तुपरक विवेचन-विश्लेषण एवं तथ्य-आधारित जनमत-निर्माण की प्रक्रिया में सहभागी बनता रहा हूँ। यह संलग्नता मेरे पत्रकारीय योग्यता एवं प्रशिक्षित व्यक्तित्व का व्यावहारिक प्रकार्य है जिसकी मूल चेतना मैंने अपनी मातृभाषा हिन्दी से ग्रहण अथवा अर्जित की है। अतएव, मैं साक्षात्कार के अन्तर्गत भाषा-विभेद के बिन्दु पर किसी प्रकार की कोई बात नहीं करना चाहता हूँ। पिछले वर्ष अकादमिक संसार(उच्च शिक्षा के क्षेत्र में) में मेरा अभी तक का पहला साक्षात्कार हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुआ; किन्तु मुझे हिन्दी भाषा का योग्य आवेदक होने के कारण अंतिम रूप से चयनित नहीं किया गया जबकि अंग्रेजी भाषा में दक्ष/प्रवीण/निष्णात एक भी आवेदक मेरी बराबरी की योग्यता नहीं रखते थे। खैर! मैंने इस साक्षात्कार हेतु ‘पाॅवर प्वांइट’ प्रस्तुति  की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस प्रस्तुति का मुख्य लक्ष्यार्थ वर्तमान देशकाल, परिवेश एवं परिस्थितियों के सन्दर्भ में ‘पत्रकारिता एवं जनसंचार’ विषय की उपयोगिता एवं उपादेयता को सर्वतोमुखी एवं सार्वभौमिक बनाने वाले कारकों को चिन्हित करना है। यथा-आई.सी.टी., डिजिटलाइजे़शन, वर्चुअलाइज़ेशन, इनोवेशन, इंटेलेक्चुअल्स प्रोपर्टी राइट, डेवलपमेंट सपोर्ट कम्यूनिकेशन, काॅरपोरेट कम्यूनिकेशन, वूमेन्स डेवलपमेन्ट एण्ड इम्पाॅवरमेन्ट, यूथ, कल्चर एण्ड एजुकेशन इत्यादि।

वर्तमान ज्ञान-प्रणाली, शैक्षणिक क्रियाकलाप, अन्तर-अनुशासनिक अनुसन्धान-कार्य एवं नवाचार आधारित कौशल-निर्माण की समस्त पद्धतियों पर समग्रतापूर्वक विचार करते हुए देखें, तो आज का शिक्षा-तंत्र अपने बाहरी-भीतरी स्वरूप एवं संरचना में आमूल बदलाव की सर्वथा एवं सर्वोचित माँग करता दिखाई दे रहा है। विशेषतया विचार, चिन्तन, तर्क, अनुसन्धान इत्यादि क्षेत्रों में मौलिक संकल्पना एवं संप्रत्यय का सर्वथा अभाव है। हिन्दीभाषी विद्यार्थी/शोधार्थी होने के नाते हमारे पास सीमित संसाधन एवं अकादमिक मदद मौजूद है; लेकिन यह हमारी अनन्त संभावनाओं की राह में मुख्य बाधा नहीं है। अतः मैं इस पद के लिए अपनी भूमिका को इन्हीं अर्थों में जीवंत एवं अनिवार्य मानता हूँ। 

मैं यह आशा एवं उम्मीद करता हूँ कि उपर्युक्त सूचनाओं/जानकारियों के आलोक में आपके द्वारा मुझे ‘पाॅवर प्वांइट’(पी.पी.टी.) प्रस्तुति की अनुमति सहर्ष प्रदान की जाएगी। 
एतदर्थ मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।                   

संलग्न: कवर लेटर; ‘पी.पी.टी.’ प्रजेंटेशन फाइल।

भवदीय
राजीव रंजन प्रसाद

वरिष्ठ शोध अध्येता,
प्रयोजनमूलक हिन्दी पत्रकारिता,
हिन्दी विभाग,
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,
वाराणसी-221005।
ईमेल: rajeev5march@gmail.com

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